[su_box title=”अफगानिस्तान में प्रताड़ित हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को भारत सहित अमेरिका से भी मिला समर्थन” style=”glass” box_color=”#0227fc” title_color=”#fafafd” radius=”0″][/su_box]
[su_button url=”www.mirrormedianews.com” target=”blank” style=”3d” background=”#fd2e13″ color=”#f8f6f6″ radius=”0″ icon_color=”#171414″ text_shadow=”7px 38px 22px #f92c2c”]मिरर मीडिया [/su_button] : मुस्लिम बहुल देश में अल्पसंख्यकों की हालात बद से बद्तर होते जा रहे है अब तो इनकी संख्या भी काफी कम हो गई हैl प्राप्त जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान के काबुल और जलालाबाद शहरों में ऐसे हमले भी हुए हैं, जिनमें इन समुदायों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें एक हमला एक जुलाई, 2018 को जलालाबाद में हुआ था, जो कि आत्मघाती हमला था, जिसमें 19 सिख और हिंदू मारे गए थे। इसके अलावा इस साल 25 मार्च को काबुल में गुरुद्वारा गुरु हर राय साहिब के हमले में 25 लोग मारे गए। जून में 20 अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने ट्रंप प्रशासन से अफगानिस्तान से सिख और हिंदू समुदायों को आपातकालीन शरणार्थी सुरक्षा देने का आग्रह किया था।
लिहाजा अफगानिस्तान में सिख और हिंदू समुदाय के लोग अपने धर्म के कारण आईएसआईएस-के से एक संभावित खतरे का सामना कर रहे हैं। जैसा कि भारत सरकार ने जुलाई में भयभीत समुदाय के लिए वीजा में तेजी लाई, कांग्रेसी जिम कोस्टा ने एक ट्वीट में भारत के रुख की सराहना करते हुए कहा, यह अफगानिस्तान के सिख और हिंदू समुदायों को आतंकवादियों के हाथों विनाश से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
[su_box title=”भारत में आकर यहां बसना चाहते हैं ये समुदाय” style=”glass” box_color=”#0227fc” title_color=”#fafafd” radius=”0″]भारत सरकार ने 23 जुलाई को कहा था कि अफगान हिंदुओं और सिखों को भारत की यात्रा करने के लिए वीजा प्रदान करने के अलावा सरकार भारतीय नागरिकता के लिए उनके अनुरोध को भी देख रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि केंद्र सरकार को इन समुदायों से अनुरोध प्राप्त हो रहे थे कि वे भारत में आना चाहते हैं और यहां बसना चाहते हैं। उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी के बावजूद हम अनुरोधों को सुविधाजनक बना रहे हैं।[/su_box]
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[su_spoiler title=”अफगानिस्तान में प्रताड़ित हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका में भी समर्थन मिला है” open=”yes” style=”fancy” icon=”folder-2″]आपको बता दें कि अफगानिस्तान में परेशान किए जा रहे हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका में भी समर्थन मिला है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में कांग्रेस की जैकी स्पीयर द्वारा 7 अन्य लोगों द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया, जो कि अफगानिस्तान में उत्पीड़ित धार्मिक समुदायों को फिर से संगठित करना चाहते हैं। पिछले सप्ताह पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि सिख और हिंदू अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक और लुप्तप्राय अल्पसंख्यक हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि हाल के वर्षों में सिखों, हिंदुओं और अफगानिस्तान में अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ लक्षित हिंसा के एक बड़े पैटर्न का पालन हो रहा है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इन दोनों समुदायों के सदस्यों को अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम के तहत फिर से बसाया जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 3 दशकों में इन 2 अल्पसंख्यक समुदायों में लगभग 99 फीसदी लोग अफगानिस्तान से पलायन कर चुके हैं। एक समय अफगानिस्तान के प्राचीन शासकों ने हिंदुओं को नगण्य कर दिया था, जबकि सिक्खों, जिनका 500 साल पुराना इतिहास है, उनकी संख्या सिर्फ 600 रह गई, वे भी इस देश को छोड़ने वाले अंतिम मुट्ठी भर लोग हैं। इन दोनों समुदायों की संख्या महज 700 रह गई है, जो कि 1970 के दशक में लगभग 7,00,000 थी।[/su_spoiler]