मिरर मीडिया: भारत की चीन के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक के बाद अब अमेरिका भी इसी तर्ज पर चीन के खिलाफ एक्शन की तैयारी में है। चीन के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक और वीचैट जैसी लोकप्रिय चीनी ऐप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया। जिसके बाद दोनों कंपनियों द्वारा किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन पर रोक लगा दी गई हैl वहीँ इसके साथ ही टिकटॉक को देश में बैन करने की समयसीमा को भी 15 सितंबर तय कर दिया गया हैl
बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार शाम को चीनी ऐप टिकटॉक और वीचैट को 45 दिन के अंदर बैन किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिएl बैन के आदेश पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने कहा कि यह बैन जरूरी है क्योंकि अविश्वसनीय ऐप जैसे टिकटॉक से डेटा का इकट्ठा किया जाना देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैl इस डेटा संग्रह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकियों की व्यक्तिगत और मालिकाना जानकारी तक पहुंचने की अनुमति मिलती हैl ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि अगर इस अमेरिकी कंपनी को बेचा नहीं गया तो 15 सिंतबर तक इसे अमेरिका में बैन कर दिया जाएगाl ट्रंप ने ये भी कहा कि अगर कोई बिक्री होती है तो उसका हिस्सा अमेरिकी टेक्सपेयर्स को भी मिलना चाहिएl
वहीं अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से संघीय कर्मचारियों को सरकार की तरफ से दिए गए डिवाइस में टिक टॉक के यूज पर बैन लगा दिया हैl यह बैन उस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद लगाया गया है, जिस पर गुरुवार को सीनेट में वोटिंग की गई थीl व्हाइट हाउस ने टिकटॉक एप को सुरक्षा कारणों से खतरा बताया हैl
बता दें कि भारत टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश है। भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यह प्रतिबंध लगाया था। चीन से जुड़ी कंपनियों पर भारत सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक की थी। भारत, अब तक चीन की लगभग 106 ऐप पर प्रतिबंध लगा चुका है। भारत सरकार ने पहले तो चीन के 59 ऐप को बैन किया, जिनमें टिक टॉक भी शामिल है। इसके बाद 47 और ऐप पर प्रतिबंध लगाया। बाद में बैन किए गए ऐप्स में ज्यादातर क्लोनिंग वाले ऐप्स शामिल थे।