जमशेदपुर : अनाथालय के महीनों से लंबित फंड आवंटन के विषय पर विभाग की चुप्पी तोड़ने में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की एक ट्वीट ने अपनी उपयोगिता साबित की है। बता दें कि कोल्हान के अनाथ और नवजात बच्चों की देखभाल और आश्रय देने वाली सोनारी स्थित संगम विहार की संस्था स्पेशल अडैप्शन एजेंसी (एसएए) को सरकार से मिलने वाली सहयोग राशि पिछले नौ महीनों से नहीं मिली थी। संस्था की ओर से समाज कल्याण विभाग के जिला कार्यालय सहित पूर्वी सिंहभूम के जिला उपायुक्त से भी कई बार इस आशय में पत्राचार करते हुए त्वरित सहयोग का आग्रह किया गया था। फंड के अभाव में नवजात और नौनिहाल बच्चों के लालन-पालन में संस्था एसएए को अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।
फंड के अभाव में कोविड-19 के महा संक्रमणकाल में अनाथालय के समक्ष वित्तीय समस्या उतपन्न होने से स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई थी। विभागीय उदासीनता का दंश झेलने के बाद अनाथालय की मैनेजर गुरविंदर कौर ने पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी से मामले में सहयोग और हस्तक्षेप का आग्रह किया। नवजात और छोटे अनाथ बच्चों के प्रति चिंता ज़ाहिर करते हुए कुणाल षाड़ंगी ने इस विषय में त्वरित हस्तक्षेप करते हुए संवेदनशीलता दिखाते हुए विगत 07 अगस्त की सुबह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने संबंधित विषय से झारखंड सरकार की महिला बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी, विभागीय सचिव अविनाश कुमार सहित पूर्वी सिंहभूम के जिला उपायुक्त काे इस विषय पर संज्ञान लेने का आग्रह किया था। उन्होंने अपनी ट्वीट में चिंता ज़ाहिर करते हुए निचले स्तर की इस लापरवाही के प्रति कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए ट्वीट किया था।
पूर्व विधायक की ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव अविनाश कुमार ने इस लापरवाही के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई और अनाथालय को नौ महीने की लंबित फंड निर्गत करने के आदेश दिये थे। इस मामले में जिला उपायुक्त ने बीते शुक्रवार को ही ट्वीट पर जानकारी दिया था कि मामले में संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को सोनारी के संगम विहार स्थित अनाथालय (स्पेशल अडैप्शन एजेंसी) को पिछले नौ महीनों के लंबित फंड प्राप्त हो गया।