कैट ने स्टार्ट-अप्स में चीनी निवेशों पर खड़ा किया बड़ा सवाल, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर जांंच की मांग

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जमशेदपुर : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अनेक भारतीय स्टार्ट-अप्स में चीनी निवेशों पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर कहा है कि विभिन्न सेक्टर में काम करने वाली भारतीय कंपनियों में जिस तरह से चीनी कंपनियों ने निवेश किया है। उससे साफ़ जाहिर होता है कि चीनी निवेश एक सुनियोजित तरीके से भारतीय इन्नोवेशन और टेक्नोलॉजी पर चीनी कब्जे का एक रणनीतिक कदम है और इस दृष्टि से कैट ने गोयल से ऐसी सभी भारतीय कंपनियों जिनमें चीनी विशेष है की जांच का निर्देश देने का आग्रह किया है ।

चीनी निवेश वाली 141 प्रमुख भारतीय स्टार्ट-अप्स की सूची गोयल को भेजी

कैट ने इस सम्बन्ध में 141 प्रमुख भारतीय स्टार्ट-अप्स की सूची गोयल को भेजी है जिनमें चीनी निवेश हैं। ये भारतीय कंपनियां आतिथ्य, दैनिक उपभोग्य सामग्रियों, खाद्य वितरण, सूचना प्रौद्योगिकी, रसद, भुगतान ऐप , ई-कॉमर्स, यात्रा, परिवहन, फार्मास्यूटिकल्स, बीमा, शेयर बाजार, स्वास्थ्य देखभाल, नेत्र देखभाल, खेल ऐप आदि से संबंधित हैं। इस सूची के अनुसार विविध क्षेत्रों में चीनी कंपनियों ने अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को निवेश के लिए पकड़ा है।

अनेक प्रासंगिक प्रश्नों पर आधारित जांंच की मांंग 

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थलिया इन कंपनियों की जांंच की मांंग करते हुए कहा कि जांंच अनेक प्रासंगिक प्रश्नों पर आधारित हो जिसमें मुख्य रूप से भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश द्वारा नियंत्रण का अनुपात कितना है, इन कंपनियों द्वारा अर्जित डेटा भारत में या विदेश में है , डेटा की सुरक्षा एवं सावधानियां क्या हैं, क्या कोई भी भारतीय स्टार्ट-अप चीनी तकनीक का उपयोग कर रहा है और यदि ऐसा है तो इनमें किसी भी तरह की अंतर्निहित जासूसी तकनीक तो नहीं है, जैसे सवाल बेहद महत्वपूर्ण है।

अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वित्तीय और औद्योगिक जासूसी में चीन 

सोन्थलिया ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि चीन विश्व के अनेक देशों में विभिन्न तरीकों के साथ जासूसी करता है। यह दूर-दराज, संवेदनशील खुफिया सूचनाओं तक पहुंच हासिल करने के लिए साइबर जासूसी समेत कई तरह के हथकंडे अपनाता है। चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सूचना एकत्र करने के उद्देश्य से वित्तीय और औद्योगिक जासूसी में भी लगा हुआ है, साथ ही विदेशों में असंतोष की निगरानी भी करता है । ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, फ्रांस सहित विभिन्न देशों में चीनी घुसपैठ के संदेह वाले कंप्यूटर घुसपैठ के कई मामले पाए गए हैं।

चीन इन्नोवेशन की चोरी करने के लिए नए तरीके अपनाने में अग्रणी

सोन्थलिया ने कहा कि सार्वजनिक सूचना तंत्र में उपलब्ध जानकारियों में कहा गया है की चीन न केवल चीनी खुफिया सेवाओं बल्कि राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों, सामान्य रूप से निजी कंपनियों, कुछ प्रकार के स्नातक छात्रों सहित कई तरीकों के माध्यम से इन्नोवेशन की चोरी करने के लिए नए नए तरीके अपनाने में अग्रणी है। यह भी कहा जाता है कि चीनी न केवल इन्नोवेशन और रिसेर्च डेवलपमेंट को लक्षित करता है बल्कि वह लागत और मूल्य निर्धारण की जानकारी, आंतरिक रणनीति दस्तावेजों आदि को भी प्राप्त करने में, जो चीन को निवेश करके प्रतिस्पर्धी लाभ दे सकते हैं, को भी लक्षित करता है।

भारतीय आर्थिक केंद्रों पर हावी होने की दिशा में एक नियोजित रणनीति

सुरेश सोन्थलिया ने कहा कि भारत और चीन के बीच मौजूदा स्थिति के तहत या अन्यथा, उपरोक्त प्रश्न बहुत अधिक महत्व रखते हैं क्योंकि जिस तरीके से चीनी कंपनियों द्वारा निवेश किया गया है वो इस तरह के निवेश के पीछे के वास्तविक सत्य को समझने के लिए जरूरी हैं। विभिन्न चीनी कंपनियों द्वारा भारतीय लोगों के महत्वपूर्ण डेटा और भारतीय आर्थिक केंद्रों पर हावी होने की दिशा में एक नियोजित रणनीति है। इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय स्टार्ट-अप के कामकाज और व्यापार मॉड्यूल की गहराई से जांच करने की बेहद जरूरत है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसी भी भारतीय उद्यम में किसी भी चीनी निवेश को सार्वजनिक करना चाहिए।

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