जमशेदपुर: पूरे मानव जाति के जीवन को अस्त-व्यस्त करने वाले कोरोना संकट का असर पर्व त्योहारों पर भी पड रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार सभी पर्व त्योहारों को सादगी के साथ मनाया जा रहा है। आज भगवान शिव की मानस पुत्री मनसा मां की पूजा की रौनक भी कोरोना के कारण फीकी है। झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आसपास के इलाकें के खास त्योहारों में से एक मनसा देवी की पूजा में इस साल हर की तरह न तो ढ़ोल नगाड़े बज रहें है। ना मंगल गीत गुनगुनाये जा रहे न जांंत की धुन की गूंंज ही सुनाई पड़ रही है। लेकिन लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं है।
पूरे कोल्हान में लोग अपने-अपने घरों पर पारंपरिक विधि विधान के साथ पूजा कर देवी मां को याद कर रहें है। महिलाओं ने व्रत रखा है और मनसा मां से जल्द कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे है। बाराद्वारी निवासी झरना महतो ने बताया कि वह हर साल पास में बनने वाले मनसा मां केे पंडाल पर जा कर देवी माँ की पूजा अर्चना करती थी। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से पंडाल का निर्माण नहीं कराया गया है। ना ही किसी तरह का कोई आयोजन किया जा रहा है। इसलिए इस बार वह घर पर ही मनसा देवी की पूजा कर रही है।
उन्होनें कहा कि जैसा कि देवी माँ का नाम ही है मनसा। वह सब की मनोकामनाओंं को पूर्ण करने वाली देवी है इसलिए इस बार कोरोना संक्रमण से जल्द मुक्ति दिलाने की मां से कामना कर रही है। वहींं परसुडीह में माँ मनसा मंदिर में सोशल डिस्टेंस के साथ मनसा माँ की पूजा अर्चना की गई। कोरोना काल के कारण इस बार वहांं भक्तों की संख्या में काफी कमी रही।