क्या होगी सस्ती और किसपे जेब करना पड़ सकता है ढीली-GSTकाउंसिल की 41वीं बैठक में आज होगा फैसला

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क्या होगी सस्ती और किसपे जेब करना पड़ सकता है ढीली-GSTकाउंसिल की 41वीं बैठक में आज होगा फैसला

MIRROR MEDIA : काफी सारे महत्वपूर्ण फैसले आज जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में हो सकती हैl आपको बता दे कि जीएसटी काउंसिल की बैठक गुरुवार को 11 बजे होगीl प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में जीएसटी कम्पेनसेशन पर चर्चा हो सकती हैl इसके साथ ही गोल्ड को ई-वे बिल के दायरे में लाने और टू-व्हीलर्स पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता हैl सोना बेचने पर तीन फीसदी जीएसटी लगाए जाने पर भी फैसला हो सकता हैl

सूत्रों कि माने तो आज होने वाली GST काउंसिल की 41वीं बैठक में ऑटो इंडस्ट्री को राहत मिल सकती है जिससे अगर सरकार टू-व्हीलर पर GST घटाती है तो इससे इंडस्ट्री को बड़ा फायदा होगाl जानकारी दे दें कि मौजूदा समय में ऑटो सेक्टर पर फिलहाल 28 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जाता हैl जबकि अगर GST 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जाता है तो बाइक की कीमत 8000 से 10,000 रुपये तक सस्ती हो सकती हैl

ये चीजें महंगी होने के हैं आसार

कुछ राज्यों द्वारा अहितकर सामान यानी सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की संभावना हैl सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने का सुझाव देने वालों में पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैंl अगर ऐसा होता है तो सिगरेट, पान मसाला महंगे हो जाएंगेl मौजूदा GST रेट स्ट्रक्चर के अनुसार, कुछ सिन गुड्स, जिसमें सिगरेट, पान मसाला और एरेटेड पेय शामिल हैं, इन पर सेस लगता हैl सिन गुड्स के अलावा, कार जैसे लक्जरी उत्पादों पर भी सेस लगाया जाता हैl

सोना बेचने पर चुकानी पड़ सकता है GST

पुराने सोने के आभूषण या सोना बेचने पर मिलने वाली राशि पर आने वाले समय में तीन प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ सकता हैl आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है, हाल ही में राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन गई हैl सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा, यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा सकता है.l गौरतलब है कि अभी भी छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में कई जगह सोने की बिक्री के बाद दुकानदार कच्चा बिल देते हैंl यह पूरी प्रक्रिया कर चोरी रोकने और काला धन खपाने के लिए होती है, अब इस पर रोक लगाने के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य करने की तैयारी हैl

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