मिरर मीडिया: चीन को एक और बड़ा झटका लगा हैl इंडियन प्रीमियर लीग होने से पहले ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो से टाइटल स्पॉन्सरशिप छीन ली है। हालांकि, अभी इसका आधिकारिक ऐलान बोर्ड ने नहीं किया है। पर, रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वीवो के साथ 2022 में खत्म हो रहा वीवो का करार अभी ही खत्म कर दिया गया है। कॉन्ट्रैक्ट के तहत बोर्ड को हर साल 440 करोड़ रुपए मिलते हैं। अब बीसीसीआई ने नए टाइटल स्पॉन्सर की तलाश शुरू कर दी है।
बता दें कि, आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में वीवो के साथ करार को जारी रखने के फैसला किया थाl इसके अगले दिन सभी फ्रेंचाइजियों के साथ बैठक हुईl जहाँ चारों तरफ से इसका विरोध हो रहा थाl वहीँ ज्यादातर फ्रेंचाइजी इस बात से नाराज नजर आए। इसके चलते बीसीसीआई यह फैसला ले सकता है कि, अब आईपीएल 2020 में वीवो स्पॉन्सर नहीं होगाl
इस बार के आईपीएल में अब एक नए स्पॉन्सर की तलाश हैl सूत्रों के मुताबिक, एक भारतीय कंपनी के साथ बीसीसीआई की बातचीत चल रही हैl वहीँ अब इस रेस में एक अमेरिकी कंपनी भी हैl आईपीएल संचालन समिति ने रविवार को टूर्नामेंट के प्रमुख प्रायोजकों के रूप में चीनी कंपनियों के साथ बने रहने का फैसला किया थाl भारत और चीन के बीच इस समय विवाद चल रहा हैl इसी वजह से चीनी कंपनियों का काफी विरोध हो रहा हैl
बता दें कि इस बार आईपीएल 13वें सीजन का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई में होगा। टूर्नामेंट में 10 डबल हेडर यानी एक दिन में 2-2 मैच होंगे। शाम के मैच पुराने शेड्यूल से आधा घंटा पहले यानी 7.30 बजे से शुरू होंगे। दोपहर के मैच 3.30 बजे से होंगे। टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 10 नवंबर को खेला जाएगाl
गौरतलब है कि, 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों में हुई खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद देशभर में चाइनीज कंपनियों के खिलाफ बायकॉट कैंपेन चला। इसी सब के साथ भारत सरकार ने भी टिकटॉक समेत 59 से ज्यादा चीनी एप्स को बैन कर दिया था।