मिरर मीडिया: कोरोना वायरस फैलाने को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर हैl हालांकि, शुरुआत में भारत समेत कई देशों ने चीन को पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार ठहराने पर ऐतराज जताया थाl लेकिन, गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद चीन को लेकर भारत का रुख सख्त होता चला गयाl भारत ने एक के बाद एक कई परियोजनाओं में समझौते रद्द कर चीन को झटके दिए हैl
बता दें कि, अब सऊदी अरब ने भी चीन को तगड़ा झटका दिया हैl सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको ने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स बनाने को लेकर चीन के साथ हुए 10 अरब डॉलर के समझौते से एक बड़ी डील कैंसिल कर दी है।
अरामको ने चीनी भागीदारों से बातचीत के बाद चीन के पूर्वोत्तर प्रांत लिओनिंग में निवेश बंद करने का फैसला किया हैl बताया जा रहा है कि, कोरोना संकट के बीच दुनिया भर में तेल की मांग घटी है, जिससे कच्चा तेल काफी सस्ता हो गया है। काफी कोशिशों के बावजूद तेल कंपनियों के नुकसान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसे देखते हुए अरामको ने इस डील को खत्म करने का फैसला किया है। घाटा पाटने के लिए अरामको ने फिलहाल खर्चे घटाने पर जोर देना शुरू किया है। कंपनी ने 75 अरब डॉलर का डिविडेंड जारी भी करने का फैसला किया है। इस डिविडेंड का बड़ा हिस्सा सऊदी किंगडम को जाता है जो फिलहाल भारी किल्लत से गुजर रहा है।साउदी अरामको ने महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर के रत्नागिरी मेगा रिफाइनरी प्रोजेक्ट में निवेश का ऐलान किया थाl आशंका जताई जा रही थी कि अगर तेल की कीमतें ऐसे ही कम होती रहीं तो कंपनी भारत में भी निवेश से पीछे हट सकती हैl