देवघर। झारखंड के देवघर जिले में शहर व ग्रामीण इलाकों में सरकार और प्रशासन की सख्ती के दावे के बावजूद बालू माफिया अवैध रूप से कारोबार में लगे हैं। पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार का एक उपक्रम एनजीटी के निर्देश के आलोक में नदी से बालू के उठाव पर तरह रोक है। इसके बावजूद देवघर सहित संतालपरगना के विभिन्न जिलों में बालू माफियाओं की पौ बारह है।
इसी क्रम में शुक्रवार की सुबह देवघर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र में एक बालू ट्रेक्टर ने दो छात्रों की जान ले ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार देवघर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र में पांडे दुकान के समीप बालू गिराकर लौट रहे एक ट्रेक्टर ने ट्यूशन पढ़ कर घर लौट रहे दो छात्रों को कुचल दिया.जिससे दोनों की मौत हो गयी। पुलिस ने घटना के सम्बंध में बताया कि शुक्रवार की सुबह आठ बजे के करीब देवघर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र में पांडे दुकान के निकट दो छात्र जो घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए मोटरसाइकिल से निकले थे, दोनों बालू गिराकर लौट रहे ट्रेक्टर की चपेट में आ गया, जिससे एक छात्र की मौत मौके पर ही हो गयी वही दूसरे गम्भीर घायल युवक ने एक निजी क्लिनिक ले जाने के क्रम में दम तोड़ दिया ।
सूत्रों ने बताया दोनों मृत युवक की पहचान घोड़दौड़ा गांव निवासी सुनील राउत का पुत्र बंटी राउत और मनीजर राउत का पुत्र टुनटुन राऊत के नाम से हुई है। मनीजर राउत रिक्शा चलकर अपने बच्चे को शिक्षा दे रहे थे। शुक्रवार का दिन दोनों परिवार के लिए मनहूस दिन साबित हुआ। आज उनका पूरा परिवार बिखर गया है।। इस दर्दनाक सड़क हादसे से आक्रोशित परिजन और स्थानीय लोग सड़क पर उतरये और सड़क जाम कर आवागमन ठप कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही कुंडा थाना के पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचकर मृत युवक की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस ने ट्रेक्टर को जब्त कर लिया है। पुलिस लोगों को समझा बुझाकर सड़क जाम हटाने के प्रयास में जुटी है। आक्रोशित लोगों का कहना है कि पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर वर्तमान में एनजीटी नियमों के आलोक में राज्य के सभी बालू घाटों से बालू के उठाव पर रोक है । इसके बावजूद बालू कारोबारी अवैध रूप से बालू का उठाव कैसे और किनकी छत्रछाया में कैसे कर रहे हैं? लोगों का आरोप है इस पर रोक लगाने के मामले में सम्बंधित थाना का रवैया इनके प्रति उदासीन है।
जिला प्रशासन द्वारा जिला खनन पदाधिकारी को जिले के विभिन्न घाटों से अवैध रूप से बालू के उत्खनन पर रोक लगाने के निर्देश के बावजूद बालू का अवैध कारोबार चलना प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है।
लोगों का यह भी कहना है कि पहले तो माफिया बालू का अवैध कारोबार कर रहे थे लेकिन उनकी लापरवाही की वजह से अब तो लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है। फिर भी प्रशासन इसपर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो रही है।