पलामु : जिले के पांडू प्रखंड क्षेत्र के तीन मजदूरों की संदेहास्पद स्थित में केरल में मौत हो गयी. तीनों की लाश रेलवे पटरी से बरामद की गयी है. जिस जगह पर उन्हें क्वारेंटाइन कर रखा गया था, उसके पास रेलवे पटरी है. केरल पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया में मामला ट्रेन से कटकर मौत होने का प्रतीत होता है. हालांकि केरल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. परिजनों ने मामले को हत्या बताया है.
बता दें कि लॉकडाउन में तीनों मजदूर पांडू अपने गांव लौटे थे. इसके बाद अनलॉक होने पर वे फिर केरल लौट गये थे. मजदूरों की पहचान पांडू के भटवलिया गांव के कन्हाई विश्वकर्मा (20), महुगांवा के अरविंद राम (22) और हरिओम (20) के रूप में हुई है.
ट्रेन की चपेट में आने से मौत की आशंका
केरल में जिस जगह मजदूरों को क्वारेंटाइन कर रखा गया था, वहां के कर्मियों ने फोन पर बताया कि 10 दिन पूर्व 25 मजदूर यहां क्वारेंटाइन किए गए थे. सोमवार को इनमें से 8 मजदूर चिकन खरीदने के लिए सेंटर से बाहर निकले थे. बाद में उनमें से तीन के शवों को पास की रेल पटरी से बरामद किया गया. आशंका व्यक्त की जा रही है कि रेल पटरी की ओर से लौटने के दौरान उनकी किसी ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गयी. मंगलवार को सभी के शव का पोस्टमार्टम किया गया.
परिजन बता रहे हत्या
इधर, परिजनों का कहना है कि 20 दिन पूर्व मजदूरों को पांडू से बस द्वारा काम के लिए केरल ले जाया गया था. कंपनी की ओर से सभी को क्वारेंटाइन किया गया था. 3 अगस्त को सभी की अवधि खत्म हो गयी थी. बुधवार को सभी को काम पर लौटना था. क्वारेंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद सोमवार को सेंटर से बाहर टहलने के लिए निकले थे. इन्हें स्थानीय लोगों ने टोका. और स्थानीय लोगों से उनका विवाद हुआ. बाद में तेज धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी गयी. घटना के बाद मजदूरों के परिजनों में कोहराम मच गया है. परिजन दहाड़ मारकर रो रहे हैं. गांव में मातम पसरा हुआ है.
परिजनों ने बताया कि अनलॉक के दौरान जब वाहन का परिचालन नहीं हो रहा था, तब पांडू के गुआसरई गांव का ठेकेदार अर्जुन यादव ने गाड़ी की व्यवस्था कर लोगों को केरल भेजा था, क्योंकि जहां वे लोग काम करते थे उस कंपनी में काम शुरू हो गया था और बार-बार वहां से मजदूरों का बुलावा आ रहा था.
परिजन बताते हैं कि पलामू में अपने गांव लौटने पर उन्हें कोई काम नहीं मिल पा रहा था. इस कारण भी वे केरल लौट गये. मालूम हो कि लॉकडाउन के दौरान पलामू में 50 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग फिर महानगरों की ओर काम के लिए वापस लौटने लगे हैं.