जमशेदपुर : चांडिल के हुमीद स्थित दयावती मोदी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल सम्पा बनर्जी पर स्कूल के इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। स्कूल में ही पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत स्कूल प्रबंधन को ईमेल भेज कर की है। चैयरमेन उमेश कुमार मोदी को शिकायत में बताया गया है कि प्रिंसिपल स्कूल में व्यवसाय चला रही हैं। जेएफसी क्लब व विद्या मंदिर जमशेदपुर से बहुत रुपये ऐंठ रहीं हैं। वहीं, सिलेबस से हटकर दूसरी किताबों को विद्यार्थियों पर थोपा जा रहा है। इसके एवज में प्रकाशक से प्रिंसिपल कमीशन लेती हैं। कक्षा 9, 10 व 11 के विद्यार्थियों को विद्या मंदिर के ट्यूशन में शामिल होने तथा वहां के छात्रावास में रहने के लिए दबाव बना रहीं है।
कई विद्यार्थियों का आरोप यह भी है कि उन्होंने अनुभवी शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने के लिए दाखिल हुए थे। लेकिन अब हालात यह है कि प्रिंसिपल के मनमानी व दुर्व्यवहार से तंग आकर स्कूल के अनुभवी शिक्षक अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इनमें शुभाशीष घाटगे (केम पीजीटी) थॉमस मैथयू (इंग पीजीटी) आदि शिक्षकों के इस्तीफे को उदाहरण के रूप देखा जा सकता है। विद्यार्थियों ने ईमेल पर बताया है कि बच्चों को प्रताड़ित करने के लिए स्कूल के शौचालय पर प्रिंसिपल द्वारा ताला लगवाया जाता है। प्रिंसिपल तानाशाह की तरह व्यवहार करतीं है। जिससे बच्चों के अभिभावक काफी चिंतित हैं। चैयरमेन से विद्यार्थियों ने उज्वल भविष्य व स्कूल की गौरव की रक्षा के लिए अविलंब आवश्यक कदम उठाने का मांग किया है।
वहीं इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल सम्पा बनर्जी ने बताया कि अभिभावकों के आग्रह पर ही उचित कदम उठाया गया है। उनपर लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि कक्षा 9, 10 व 11 के विद्यार्थियों को ट्यूशन के लिए रांची या जमशेदपुर में भागमभाग करना पड़ता था। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए अभिभावकों ने ही उनसे आग्रह किया था कि किसी एक ही जगह पर विद्यार्थियों के लिए ट्यूशन की व्यवस्था हो। ताकि, बच्चों की पढ़ाई में सहूलियत होगी व सुरक्षा भी होगी। जिसके बाद विद्या मंदिर जमशेदपुर में यह व्यवस्था की गई है। लेकिन इसके लिए बच्चों पर किसी तरह का दबाव नहीं है। प्रिंसिपल सम्पा बनर्जी ने किसी शिक्षक का नाम लेते बगैर बताया कि बारहवीं के बच्चों को स्कूल के ही कुछ शिक्षकों द्वारा भड़काया जा रहा है। जो शिक्षक वर्षों से जड़ें जमा कर तरह तरह के एक्टिविटीज के नाम पर अभिभावकों से रुपये वसूली करते थे। वहीं, इन शिक्षकों द्वारा जमशेदपुर में अपने सगे संबंधियों के संचालित कोचिंग संस्थानों में बच्चों को दाखिल कराते थे।