जमशेदपुर : झारखंड छात्र मोर्चा के कोल्हान अध्यक्ष अरुण मुर्मू के आदेश के अनुसार मंगलवार को जिलाध्यक्ष कृष्णा कुमार कामत के नेतृत्व में कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ गंगाधर पांडा से मुलाकात कर केयू के सभी अंगीभूत बीएड कॉलेज में हो रही अनियमितताओं से अवगत कराया गया। इस मुलाकात के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द इस विषय पर कार्रवाई किया जाएगा। जेसीएम ने सत्र 2018-2020 व 2019-2021 में बीएड कॉलेज पर अनियमितता का आरोप लगाया है।
झारखंड छात्र मोर्चा का कहना है कि बीएड प्रथम सेमेस्टर का 1 वर्ष 6 महीने के बाद भी अभी तक किसी भी छात्र का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। बिना रजिस्ट्रेशन बीएड के पहले सेमेस्टर का परीक्षा किस प्रकार लिया जा रहा है। बीएड चौथे सेमेस्टर के छात्रों का बिना टीचिंग प्रैक्टिस करवाए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि किस आधार पर घोषित किया गया है। छात्रों के माध्यम से ऐसा पता चला है कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत निजी महाविद्यालयों के द्वारा बीएड का जल्दीबाजी में परीक्षा करा कर विश्वविद्यालय के द्वारा निजी महाविद्यालयों को आर्थिक लाभ करवाया जा रहा है। यह भी आरोप है कि कोल्हान विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के सगे संबंधियों को जल्द से जल्द डिग्री दिलाने के लिए बीएड के नियमों को ताक पर रखा गया है।
छात्र व छात्राओं के मेरिट के आधार पर विश्वविद्यालय के अंगीभूत सरकारी महाविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया चलती है। लेकिन इसके ठीक विपरीत विश्वविद्यालय की अंगीभूत निजी महाविद्यालयों जैसे रंभा बीएड कॉलेज, श्रीनाथ बीएड कॉलेज, डीबीएमएस बीएड कॉलेज कदमा और भी बहुत सारे निजी महाविद्यालयों में पैसे के बल पर बिना मेरिट के आधार दाखिला ले लिया जाता है। इसकी जांच का शिक्षा का बाजारीकरण करने वाले महाविद्यालयों की मान्यता रद्द होनी चाहिए। यह भी मामला प्रकाश में आया है कि वहीं शिक्षक सरकारी कॉलेजों में छात्रों को इंटरनल एक्सटर्नल परीक्षा में कम अंक देते हैं। लेकिन वही शिक्षक जब निजी महाविद्यालयों में परीक्षा का अंंक पैसों के बल पर सरकारी महाविद्यालयों की तुलना में ज्यादा देते हैं। इसकी जांच पिछले 5 वर्षों के अंक प्रमाण पत्र से किया जा सकता है और परीक्षा घोटाले में शिक्षकों को भी दंडित किया जाए।
साथ ही जेसीएम ने आग्रह किया है कि यह भी जांच किया जाए कि निजी बीएड कॉलेजों में एनसीटीई के अनुरूप शिक्षक नहीं होने के बाद भी विश्वविद्यालय मान्यता किस आधार पर दे रहा है। कुलपति से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए इन सभी बिंदुओं पर जांच कर छात्र हित में उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है। वहीं मांंग की गई है कि छात्रों का टीचिंंग प्रशिक्षण होने के बाद ही बीएड के तीसरे और चौथे सेमेस्टर का परीक्षा फॉर्म भरवाया जाय। तब तक के लिए परीक्षा फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया को रद्द किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो झारखंड छात्र मोर्चा आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यरूप से झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णा कुमार कामत, बिपिन शुक्ला उपस्थित रहें।