मानगो में साफ-सफाई का हाल बेहाल, मानगो विकास समिति के अध्यक्ष ने लिया जायजा, स्थिति में परिवर्तन कराने का निश्चय

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जमशेदपुर : मानगो में साफ-सफाई की व्यवस्था लचर हुई है। चाहे वह सड़क, नाली, गली, चौक-चौराहों की सफाई हो या डोर टू डोर कचड़ा उठाव का मामला हो, दोनों ही पहले की अपेक्षा बदतर स्थिति में हैं। इसी कड़ी में आज समिति के अध्यक्ष ओंकार नाथ सिंह ने सफाई की स्थिति का विभिन्न स्थानों और इलाकों में घूम घूम कर मुआयना किया। कुछ जगहों पर कचड़े का अंबार दिखा कुछ जगहों पर कचड़ा उठाते और कलेक्ट करते कर्मचारी दिखे। कुछ जगहों पर खासकर वार्ड नौ में कचड़े से लदी खड़ी गाड़ियांं दिखीं। इस संंबंध में उन्‍होनें निगम में कार्यरत सफाई की जिम्मेदारी संभाल रहे नगर प्रबंधक जितेन्द्र सिंह से संपर्क किया तो पता चला कि निगम के कोरोना संक्रमित कर्मचारी में वे भी थे और क्‍‍‍‍‍‍‍‍‍वारेंटाइन में थे। हालांकि वे स्वस्थ हैं और कल यानी गुरुवार से काम पर लौटेंगे और सफाई कार्य की जानकारी लेकर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास करेंगे।

 

इसके अलावा वार्ड नंबर नौ में डोर टू डोर कचड़ा उठाव का काम देखने कालिका नगर इलाके में पहुंंच कर स्थानीय निवासियों से संपर्क किया तो पता चला कि पिछले लगभग दो सप्ताह से घर-घर कचड़ा उठाव का काम बंद है और लोग भारी मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। कचड़ा उठाव करने वाले ठेकेदार से संपर्क किया तो पता चला कि सबसे बड़ी समस्या और वस्तुतः सारी समस्याओं की जड़ है कचड़ा डंपिंग के लिए उपयुक्त स्थान का न होना। अभी शहर भर का कचड़ा एक ही स्थान पर होता है और इस कार्य के लिए वहांं पर्याप्त स्थान नहीं है। कचड़ा अत्यधिक निकलने के कारण डंपयार्ड व उसका पहुंंच पथ भर जाता है और कचड़ा गाड़ी उसमें प्रवेश ही नहीं कर पाती। यहांं आए दिन दुर्घटनाएंं भी हो जा रही हैं। अभी हाल ही में कचड़ा गाड़ी पलट जाने के कारण एक बच्चा कचड़े की ढेर में दब गया था। इन्हीं विषम परिस्थितियों के कारण कचड़ा डिस्पोजल में कठिनाई आ रही है और कचड़ा उठाव बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

वैसे डंपिंग की समस्या नई नहीं है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस समस्या पर निगम के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता से समिति की कई दौर पर वार्ता भी हुई थी और उन्हें मानगो में ही उपयुक्त स्थान दिखाया था जहांं न सिर्फ कचड़ा डंपिंग होता वहांं उसका निस्तारण भी होता और इससे खाद और अन्य बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट भी बनते। लेकिन राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का स्थानांतरण हो गया और योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। उनका कहना है कि वर्तमान में प्रतिनियुक्‍त कार्यपालक पदाधिकारी रवीन्द्र गगराई के जिम्मे लैण्ड रेवेन्यु सहित कई विभागों की जिम्मेदारी होने और कार्य की अधिकता के कारण कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। परिस्थितियों को देखते हुए समिति ने इससे संबंधित जानकारी वर्तमान विधायक सह मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ साझा करने का निर्णय किया है। वहींं समिति ने एक सप्ताह के अंदर स्थिति में परिवर्तन अवश्य कराने का निश्चय किया है। इसके लिए उन्‍होनें स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपील करते हुए गंदगी व अन्य समस्याओं से अवगत कराने को कहा है जिससे निश्चित रुप से समस्‍‍याओं का हल निकलवाने की पहल  समिति की ओर से किया जाएगा।

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