रक्षाबंधन पर हरि सिंह राजपूत की अनोखी पहल, अनाथ बहनों का जीवन संवारने का संकल्‍प

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जमशेदपुर : शहर की सामाजिक संस्था वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी के संस्थापक व टाटा स्टील में इंजीनियर के रूप में कार्य करने वाले हरि सिंह राजपूत इस रक्षाबंधन बिल्कुल अनोखे तरीके से मना रहे है। इस रक्षाबंधन में समाजसेवी हरि सिंह ने दो अनाथ बहनों की पढ़ाई का खर्च का फैसला किया है। उन दोनों बच्चियों के सर से पिता का साया हटते ही अनाथ हो जाने से पढाई में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। उन दोनों बहनों से इस रक्षाबंधन में उन्‍होनें राखी बंंधवा कर गिफ्ट के बदले उनकी पढाई का पूरा खर्च उठाने का संकल्‍प लिया है। ताकि उन्हे भाई या पिता की कमी भी न हो और पढाई में पैसे बाधा भी न बन सके। दोनों बहनें बिष्टुपुर के स्लम बस्ती में रहती है और क्लास दूसरी और चौथी की छात्रा है। वह दोनों अपनी मांं के साथ रहती है। मांं किसी तरह दूसरे के घर बर्तन माज कर घर चलाती है।

हरि का मानना है कि त्योहार हमेशा खुशियांं बांंटने के उद्देश्य से मनाना चाहिए। ताकि हमारे साथ-साथ समाज के अंतिम पायदान में संघर्ष कर रहे परिवार को ऊपर उठाते हुए और उनकी परेशानियों को दूर कर त्योहार को सार्थक बनाया जा सके। इसी उद्देश्य से मैने इस बार दो अनाथ बहनों को शिक्षित बनाने के उद्देश्य से उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उठायी है ताकि वे भी साक्षर और आत्मनिर्भर बन कर अपने पैरों पर खड़ा हो सके और समाज में एक सम्मानजनक जिंदगी जी सके। इस अनोखे पहल से समाज मे एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा ताकि और भी सक्षम लोग हमारे समाज के आगे आकर अगर इसी तरह एक दो बच्चों को पढ़ाने की जिम्म्मेदारी उठा ले तो काफी हद तक हम शिक्षा से वंचित हो रहे बच्चों को वापस स्कूल से जोड़ सकते है ताकि वे बच्चे भी आने वाले दिनों में समाज मे अपना बहुमूल्य योगदान दे सके।

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