जमशेदपुर : प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की पूजा आज यानी 22 अगस्त को मनाई जा रही है। यूंं तो गणेशोत्सव महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। लेकिन जमशेदपुर में भी भगवान शिव और मां गौरी के पुत्र मंगल मूर्ति गणेश की पूजा की खूब धूम होती है। वैसे अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की तरह कोरोना संक्रमण ने इस उत्सव के रंग को भी बदल दिया है। शहर में हर साल कई छोटे बड़े पंडाल निर्माण किया जाता था जहां कुछ दिनों तक गणपति की पूजा के बाद धूम धाम से विसर्जन होता था।
लेकिन इस बार कोरोना के दहशत भरे माहौल में ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयघोष के साथ घर-घर गणपति विराजे है। लोगों के मन में उत्साह और उमंग अपार है। लोगों ने घर पर ही विधि-विधान से भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर की पूजा-अर्चना की। लडडू और मोदक का भोग भी लगाया। महामारी के कारण इस वर्ष इस उत्सव को लेकर हर साल जैसी रौनक, भव्यता तो दिखाई नहीं दे रही है। ना बाजे-गाजे का शोर है ना ही बाहर चहल पहल।
एक तो कोरोना का खौफ है तो दूसरी ओर संक्रमण से बचाव को लेकर किसी तरह के आयोजन की अनुमति नहीं है। जिसका लोग पूरी तरह पालन कर रहें है। जमशेदपुर में हर साल कदमा गणेश पूजा मैदान में भव्य मेले का आयोजन किया जाता था। जो करीब 1 महीने तक रहता था। जिस मेले को देखने लोगों की भीड़ उमड़ती थी। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किसी तरह का आयोजन नहीं किया गया है। गली-मोहल्लों, कॉलनी में बनने वाले पंडाल भी नज़र नहीं आये।
वहीं छोटा गम्हरिया पंचायत के मधुसूदन क्लब के द्वारा सादगी से गणेश पूजा का आयोजन किया गया। मधुसूदन क्लब के सभी सदस्यों ने गणेश जी की पूजा आराधना की और कोरोना महामारी का नाश करने के लिए विनती किया। क्लब के वरिष्ठ सदस्य मिंटू पात्रो ने बताया कि मधुसूदन क्लब के द्वारा पिछले 20 वर्ष से धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है।
हर साल गणेश पूजा पर प्रत्येक दिन संध्या बेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम होती थी और सुंदर पंडाल बनाया जाता रहा है। लेकिन इस वर्ष कोरोना काल होने के कारण गणेशोत्सव सादगी से मनाया जा रहा है जिससे स्थानीय श्रद्धालुओं में निराशा का भाव है लेकिन क्लब के सदस्यों का उत्साह बरकरार है। वहींं अधिकतर लोगों ने अपने-अपने घर पर पूजा कर विघ्नहर्ता गणेश से कोरोना महामारी जैसे विघ्न से जल्द संसार को मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।