विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के एग्जाम होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई हरी झंडी

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मिरर मीडिया: सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि, अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक कराई जाएंl अदालत ने कहा- ‘राज्य अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बिना छात्रों को पास नहीं कर सकतेl आदित्य ठाकरे की युवा सेना समेत कई याचिकाओं में कॉरोना वायरस संकट के बीच परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थीl वहीँ याचिकाओं में छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों का हवाला देते हुए कहा गया कि सभी शैक्षणिक संस्थान वायरस के संकट के कारण बंद हैंl मांग की गई थी कि परीक्षा रद्द की जानी चाहिएl
कोर्ट ने कहा कि राज्यों को छात्रों को पास करने के लिए परीक्षा आयोजित करनी चाहिएl कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्यों में महामारी को देखते हुए परीक्षाएं स्थगित की जा सकती हैं और तारीख तय करने के लिए यूजीसी से सलाह ली जा सकती हैl कोर्ट ने कहा कि जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगीl जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला सुनाया जिसने 18 अगस्त को इस विषय पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया थाl
बता दें कि, UGC द्वारा 6 जुलाई, 2020 को देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर, 2020 तक पूरा करने से सम्बन्धित सर्कुलर जारी किया गया था। उस समय से ही कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाएं कराने का विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर देश भर के अलग-अलग संस्थानों के 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें छात्रों द्वारा अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिका में छात्रों के रिजल्ट, उनके आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर तैयार किए जाने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तथ्य स्पष्ट हैंl जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि क्या यूजीसी के आदेश और निर्देश में सरकार दखल दे सकती हैl इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा था कि छात्रों का हित किसमें है, ये छात्र तय नहीं कर सकते, इसके लिए वैधानिक संस्था है, छात्र ये सब तय करने के काबिल नहीं हैंl
इस बीच कई राज्य सरकारों ने सरकार और UGC से परीक्षाएं टालने की अपील की थीl वहीँ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि ‘आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ हुई हमारी पिछली वीडियो कांफ्रेंस में मैंने सितंबर के अंत तक विश्वविद्यालयों,कॉलेजों में अनिवार्य रूप से परीक्षाएं आयोजित कराने संबंधी यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर खुलकर अपनी बात रखी थीl बनर्जी ने सरकार से इस खतरे का आकलन करने और हालात सुधरने तक परीक्षाएं स्थगित करने की अपील की थीl

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